मरने से पहले सही ढंग से जीना सीखें -
कभी जीवन में ऐसे लोगों को भी देखते हैं जिनके पास बिस्तर तो होता है, पर नींद नहीं आती। सब तरह की सुख समृद्धि होती है, पर सुकून नहीं होता। मन में शांति नहीं होती।
सब कुछ प्राप्त करने के बाद भी मन बेचैन है। शायद आप ऐसी जिंदगी नहीं चाहेंगे।हां एक वक्त ऐसा लगता है कि पैसा ही सब कुछ है। अगर खूब पैसा कमा लिया पर शांति नहीं मिली तो?
हम चीजों में खुशी ढूंढते हैं। इंसान का मन ऐसा ही है। जो चीज उसके पास नहीं है उसी के लिए बेचैन रहता है। हम बाहर से लोगों को बहुत खुश दिखाई देते हैं। शायद लोगों की सोच भी यही है कि इसके पास तो इतना पैसा है इसे कैसा दुख?
ऐसा नहीं कि पैसा कुछ नहीं है। अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए तो पैसा चाहिए। पर आपको पता होना चाहिए जरूरतें पूरी हो जाती है पर ख्वाहिशें नहीं.....।
ऐसा भी देखा गया है कई बार कि कोई व्यक्ति अपने जीवन से संतुष्ट है। उसकी जिंदगी भी ठीक-ठाक है। बहुत संतोषी प्रवृत्ति का है भागदौड़ से दूर रहता है पर आलसी नहीं है। वह भी लोगों की आंखों में खटकता है। लोग कहते हैं कि इसने अपनी जिंदगी में कुछ नहीं किया। तो लगता है कि क्या करना चाहिए?
कैसे जीना चाहिए? यह सवाल हमेशा खड़ा होता है।
तो उसका जवाब शायद यही है कि हम अंदर से मजबूत बनें। चाहे लोग कुछ भी कहें। वह जीवन बेहतर होता है जो भीतर से मजबूत होता है।
अपने जीवन को अंदर से मजबूत बनाइए। बाहर क्या है क्या नहीं..... फर्क नहीं पड़ता। हां बहुत फर्क पड़ जाएगा जब आपका मन भीतर से शांत हो जाएगा।
ऐसा नहीं है कि जो पैसा पास में है तो उसे फेंक देंगे। उसे अपने दिमाग में ना चढ़ने दे।
सारी दुनिया भाग रही है पैसे के पीछे। हमारे गुरु कहते हैं कि पैसा तो सिर्फ नंबर है जो कागजों के रूप में, प्रॉपर्टी के कागजों के रूप में हमारे अलमारी में पड़ा है। ज्यादा गहनें हैं तो वह बैंक के लॉकर में पड़े हैं।
सारी दुनिया भाग रही है पैसे के पीछे। हमारे गुरु कहते हैं कि पैसा तो सिर्फ नंबर है जो कागजों के रूप में, प्रॉपर्टी के कागजों के रूप में हमारे अलमारी में पड़ा है। ज्यादा गहनें हैं तो वह बैंक के लॉकर में पड़े हैं।
अगर आप वसीयत करके जाते हैं तो उसमें सभी का हिस्सा होता है पर सिर्फ आप का हिस्सा नहीं होता। तो जब तक आप जिंदा है उस पैसे को इन्जॉय कीजिए।
अमीर के पास पैसा है तो वह सोचता रहता है कि इसे कहां इन्वेस्ट करें।
पैसे कमाने के चक्कर में तो इंसान अपनी भूख प्यास भी भूल जाता है। सिर्फ मन को तसल्ली है कि मेरे पास पैसा है। भरोसा करो जब आपके पास कुछ भी पैसा नहीं रहेगा तब भी भगवान बंधा हुआ है हमें रोज खाना खिलाने के लिए। तो क्यों व्यर्थ चिंता करते हो? आजतक भूखा तो कोई नहीं सोया। खाना तो सभी को मिल ही जाता है। कहते हैं... भगवान मारकर भी हम को खिलाता है।
अमीर के पास पैसा है तो वह सोचता रहता है कि इसे कहां इन्वेस्ट करें।
पैसे कमाने के चक्कर में तो इंसान अपनी भूख प्यास भी भूल जाता है। सिर्फ मन को तसल्ली है कि मेरे पास पैसा है। भरोसा करो जब आपके पास कुछ भी पैसा नहीं रहेगा तब भी भगवान बंधा हुआ है हमें रोज खाना खिलाने के लिए। तो क्यों व्यर्थ चिंता करते हो? आजतक भूखा तो कोई नहीं सोया। खाना तो सभी को मिल ही जाता है। कहते हैं... भगवान मारकर भी हम को खिलाता है।
आपने कभी देखा होगा अगर जो खाना आपके नसीब में नहीं है, जो आप घर से लेकर निकले हो, चाहे आपके पास lunchbox में पड़ा है पर वह खाने का टाइम नहीं होता। तो मान लो कि सब कुछ उस ईश्वर के हाथ में है।
उदाहरण के लिए एक छोटी सी कहानी है....कहानी क्या.. सच्चाई है। एक अमीर औरत के पास कपड़े की कई फैक्ट्रियां थी। पर उसे एक बीमारी थी। skin की कोई बीमारी थी। वह सिर्फ कॉटन का कपड़ा पहन सकती थी वह भी ढीला ढाला। दूसरे कपड़े से उसके शरीर में जलन होती थी।
अब आप सोचिए कि वह पैसा उसके क्या काम का? वह कपड़े की फैक्ट्रियां उसके क्या काम की? उसे तो यह ही अफसोस होता था कि जो नौकर उसके घर में काम करते हैं वह अच्छा खाना, सब तरह का खाना खा सकते हैं... पर वह नहीं खा सकती। आप देखेंगे तो पूरी दुनिया में ऐसे हजारों किस्से मिलेंगे।
उदाहरण के लिए एक छोटी सी कहानी है....कहानी क्या.. सच्चाई है। एक अमीर औरत के पास कपड़े की कई फैक्ट्रियां थी। पर उसे एक बीमारी थी। skin की कोई बीमारी थी। वह सिर्फ कॉटन का कपड़ा पहन सकती थी वह भी ढीला ढाला। दूसरे कपड़े से उसके शरीर में जलन होती थी।
अब आप सोचिए कि वह पैसा उसके क्या काम का? वह कपड़े की फैक्ट्रियां उसके क्या काम की? उसे तो यह ही अफसोस होता था कि जो नौकर उसके घर में काम करते हैं वह अच्छा खाना, सब तरह का खाना खा सकते हैं... पर वह नहीं खा सकती। आप देखेंगे तो पूरी दुनिया में ऐसे हजारों किस्से मिलेंगे।
पर इंसान जब दूसरे की परेशानी देखता है तो सोचता है कि मुझे ऐसी कोई परेशानी नहीं है। और वह बेइमानी करके पैसा कमाता रहता है।
कि चाहे कैसे भी हो मैं खूब पैसा कमा लूं।
कि चाहे कैसे भी हो मैं खूब पैसा कमा लूं।
किसी ने गुरु से सवाल किया कि हमारे पास बहुत पैसा है फिर भी इच्छा होती है और ज्यादा पैसा कमाने की। तो गुरु ने सिर्फ यही जवाब दिया कि पैसा कमाओ पर बेईमानी से मत कमाओ, किसी का दिल दुखा कर, किसी का खून चूसकर, किसी का हक मारकर पैसा मत कमाओ।
दादा भगवान
जीवन में सुख प्राप्त करने के चार रास्ते,
सदा दिमाग ठंडा रखिये,
सदा वक़्त की कदर कीजिये,
भविष्य के लिए बचत कीजिये,
और पांव सदा जमीन पर रखिये..
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बोलने से पहले सुनना सीखें।
लिखने से पहले समझना सीखें।
खर्च करने से पहले कमाना सीखें।
रिश्ते बनाने से पहले निभाना सीखें।
हार मानने से पहले पुनः पुरुषार्थ करना सीखें।
और मरने से पहले सही ढंग से जीना सीखें।
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सुख चाहते हो तो रात में जागना नहीं,
शांति चाहते हो तो दिन में सोना नहीं ,
सम्मान चाहते हो तो व्यर्थ बोलना नहीं ,
प्यार चाहते हो तो अपनों को छोड़ना नहीं।
CHAHE KAISE BHI HO PAISA TO KAMANA HAI
Kabhee-kabhee Jeevan Mein Aise Logon Ko Bhee Dekhate Hain Jinake Paas Bistar To Hota Hai, Par Neend Nahin Aatee. Sab Tarah Kee Sukh Samrddhi Hotee Hai, Par Sukoon Nahin Hota. Man Mein Shaanti Nahin Hotee. Sab Kuchh Praapt Karane Ke Baad Bhee Man Bechain Hai. Shaayad Aap Aisee Jindagee Nahin Chaahenge.
Haan Ek Vakt Aisa Lagata Hai Ki Paisa Hee Sab Kuchh Hai. Agar Khoob Paisa Kama Liya Par Shaanti Nahin Milee To? Ham Cheejon Mein Khushee Dhoondhate Hain. Insaan Ka Man Aisa Hee Hai. Jo Cheej Usake Paas Nahin Hai Usee Ke Lie Bechain Rahata Hai. Ham Baahar Se Logon Ko Bahut Khush Dikhaee Dete Hain.
Shaayad Logon Kee Soch Bhee Yahee Hai Ki Isake Paas To Itana Paisa Hai Ise Kaisa Dukh? Aisa Nahin Ki Paisa Kuchh Nahin Hai. Apanee Jarooraton Ko Poora Karane Ke Lie To Paisa Chaahie. Aapako Pata Hona Chaahie Jarooraten Pooree Ho Jaatee Hai Par Khvaahishen Nahin......
Aisa Bhee Dekha Gaya Hai Kaee Baar Ki Koee Apane Jeevan Se Santusht Hai. Usakee Jindagee Bhee Theek-thaak Hai. Par Log Kahate Hain Ki Isane Apanee Jindagee Mein Kuchh Nahin Kiya. To Lagata Hai Ki Kya Karana Chaahie? Kaise Jeena Chaahie? Yah Savaal Hamesha Khada Hota Hai.
To Usaka Javaab Shaayad Yahee Hai Ki Ham Andar Se Majaboot Banen. Chaahe Log Kuchh Bhee Kahen. Vah Jeevan Behatar Hota Hai Jo Bheetar Se Majaboot Hota Hai. Apane Jeevan Ko Andar Se Majaboot Banaie. Baahar Kya Hai Kya Nahin..... Phark Nahin Padata.
Haan Bahut Phark Pad Jaega Jab Aapaka Man Bheetar Se Shaant Ho Jaega. Aisa Nahin Hai Ki Jo Paisa Paas Mein Hai To Use Phenk Denge. Use Apane Dimaag Mein Na Chadhane De. Saaree Duniya Bhaag Rahee Hai Paise Ke Peechhe. Hamaare Guru Kahate Hain Ki Paisa To Sirph Nambar Hai Jo Kaagajon Ke Roop Mein, Propartee Ke Kaagajon Ke Roop Mein Hamaare Alamaaree Mein Pada Hai. Jyaada Gahanen Hain To Vah Baink Ke Lokar Mein Pade Hain.
Ameer Ke Paas Paisa Hai To Vah Sochata Rahata Hai Ki Ise Kahaan Invest Karen. Paise Kamaane Ke Chakkar Mein To Insaan Apanee Bhookh Pyaas Bhee Bhool Jaata Hai.
Udaaharan Ke Lie Ek Chhotee See Kahaanee Hai....kahaanee Kya.. Sachchaee Hai. Ek Ameer Aurat Ke Paas Kapade Kee Kaee Phaiktriyaan Thee. Par Use Ek Beemaaree Thee. Skin Kee Koee Beemaaree Thee. Vah Sirph Kotan Ka Kapada Pahan Sakatee Thee Vah Bhee Dheela Dhaala. Doosare Kapade Se Usake Shareer Mein Jalan Hotee Thee. Ab Aap Sochie Ki Vah Paisa Usake Kya Kaam Ka? Vah Kapade Kee Phaiktriyaan Usake Kya Kaam Kee? Use To Yah Hee Aphasos Hota Tha Ki Jo Naukar Usake Ghar Mein Kaam Karate Hain Vah Achchha Khaana, Sab Tarah Ka Khaana Kha Sakate Hain... Par Vah Nahin Kha Sakatee.
Aap Dekhenge To Pooree Duniya Mein Aise Hajaaron Kisse Milenge. Insaan Jab Doosare Kee Pareshaanee Dekhata Hai To Sochata Hai Ki Mujhe Aisee Koee Pareshaanee Nahin Hai. Aur Vah Beimaanee Karake Paisa Kamaata Rahata Hai. Chaahe Kaise Bhee Ho Main Khoob Paisa Kama Loon. Kitana Bhee Bada Ghar Ho, Kitana Bhee Paisa Ho. Insaan Sota To Ek Hee Palang Par Hai. Ek Hee Room Chaahie. Khaega To Vah Bhee Apana Pet Bharane Ke Lie Anaaj Hee. Phir Kyon Insaan Paise Ke Peechhe Bhaag Raha Hai.....
DADA BHAGWAN
Jeevan Mein Sukh Praapt Karane Ke Chaar Raaste,
Sada Dimaag Thanda Rakhiye,
Sada Vaqt Kee Kadar Keejiye,
Bhavishy Ke Lie Bachat Keejiye,
Aur Paanv Sada Jameen Par Rakhiye..
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Bolane Se Pahale Sunana Seekhen.
Likhane Se Pahale Samajhana Seekhen.
Kharch Karane Se Pahale Kamaana Seekhen. Rishte Banaane Se Pahale Nibhaana Seekhen.
Haar Maanane Se Pahale Punah Purushaarth Karana Seekhen.
Aur Marane Se Pahale Sahee Dhang Se Jeena Seekhen.
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Sukh Chaahate Ho To Raat Mein Jaagana Nahin,
Shaanti Chaahate Ho To Din Mein Sona Nahin ,
Sammaan Chaahate Ho To Vyarth Bolana Nahin ,
Pyaar Chaahate Ho To Apanon Ko Chhodana Nahin।
SARAL VICHAR
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