मन को अशांत कौन करता है? तुम्हारी इच्छा और तुम्हारे मन का द्वेष । अगर इन दो चीजों को मन से निकालें …
Read more »1. कोई भी व्यक्ति अपनी ग़लती नहीं मानता । बुरे से बुरे कार्य को करने की उसकी अपनी एक वजह होती है जि…
Read more »एक राजा था जिसे चित्रकला से बहुत प्रेम था। एक बार उसने घोषणा की कि जो कोई भी चित्रकार उसे एक ऐसा चि…
Read more »जैसे-जैसे उम्र गुजरने लगती है। यह एहसास होने लगता है कि मां-बाप हर चीज के बारे में सही कहा करते थ…
Read more »आप कितना भी पैसा दें, नौकरानी.. घर की तरह झाडू लगाती नहीं और चपाती वाली आपकी तरह चपाती बनाती नही…
Read more »अधिकांश व्यक्तियों में नाना प्रकार के चारित्रिक दोष होते हैं। उनका विस्तार से वर्णन करने की आवश्यक्…
Read more »यमराज हमारे मित्र एक बार यमराज शक्ल बदलकर तीर्थ स्थल में खड़े हुए थे। एक इंसान वहाँ आया, स्नान…
Read more »यदि हम सोचकर देंखें कि स्कूल, कॉलेज से निकलकर जिन्हें नौकरी मिली, सफलता मिली, उसमें कितना प्रतिशत …
Read more »Copyright (c) 2025 SARAL VICHAR Website Designed By IMAGINE DIGITAL All Right Reseved
Social Plugin