* बालकों के सुसंस्कारों में अभाव करने वाले माँ-बाप आप अपने बच्चों को सुसंस्कार देने में जरा सी भी लापरवाही मत बरतो। वरना वे अपनी जवानी तो बिगाड़ेंगे ही आपका बुढ़ापा भी खराब करेंगे।
* बड़ा आदमी वह नहीं जिसके यहां 4 नौकर काम करते हैं। बल्कि वह है जो 4 नौकरों का काम अकेले खुद करता है। निठल्ला बैठा आदमी जल्दी बूढ़ा हो जाता है। अपने तन-मन को नेक कामों में लगाए रखिए।
*त्याग दो ख्वाहिशें कुछ अलग करने की, राम ने बहुत कुछ खोया था, श्री राम बनने के लिए।
* अगर आप भी कुछ खोने के लिए तैयार हैं, तो ही बन सकते हैं
राजा।
* हम पाना तो सब कुछ चाहते हैं, किंतु खोना कुछ नहीं चाहते।
सांप अकेला हो तो मारा जाता है,
शिव के गले में हो तो पूजा जाता है।
संत के साथ, गुरु के साथ रहने से, हमारे विकार भी विकार नहीं रहने पाते, क्योंकि इनका स्वभाव बदल जाता है।
रूप का सुख पहले आंख को होता है।
स्पर्श का सुख पहले त्वचा को होता है ।
लेकिन सतगुरु से संपर्क का सुख
सीधे हृदय को होता है।
SARAL VICHAR
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