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अनिद्रा रोग | ANIDRA ROG | Insomnia Disease In Hindi By Saral Vichar


अनिद्रा रोग | ANIDRA ROG | Insomnia Disease In Hindi By Saral Vichar

अनिद्रा रोग : जीवन चक्र का अभिन्न अंग नींद पर... आधुनिक युग का रोग अनिद्रा 

जब किसी व्यक्ति को ठीक से और पूरी नींद नहीं आती, तो इसे ही अनिद्रा या उन्निद्र रोग कहते हैं। ऐसा होने पर शरीर को पूरा आराम नहीं मिल पाता, जिससे थकान, चिड़चिड़ापन और कमजोरी बनी रहती है।

आजकल बहुत लोग इस परेशानी से जूझ रहे हैं, खासकर बड़े शहरों में। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण है — तनाव, चिंता और भागदौड़ भरी जिंदगी।

कभी-कभी लोग दोपहर में सो जाते हैं या देर रात तक फोन देखते रहते हैं, तो भी रात की नींद खराब हो जाती है। कुछ लोगों को दवाईयों के कारण भी नींद नहीं आती। चाय, कॉफी या सिगरेट ज्यादा पीने से भी नींद उड़ जाती है।

नींद ना आने के कई तरीके होते हैं — जैसे कोई जल्दी सो ही नहीं पाता, कोई रात में बार-बार जाग जाता है, कोई बहुत जल्दी जाग जाता है और फिर सो नहीं पाता। कई बार सोकर उठने के बाद भी शरीर थका-थका रहता है।

नींद पूरी ना होने से शरीर और दिमाग पर बुरा असर पड़ता है। इससे याददाश्त कमजोर होती है, वजन बढ़ता है, पाचन गड़बड़ होता है और डिप्रेशन या घबराहट जैसे मन के रोग बढ़ सकते हैं।

हमारे शरीर के अंदर एक प्राकृतिक घड़ी होती है, जो बताती है कब सोना है और कब उठना है। इसी को सही रखने के लिए शरीर में एक रसायन बनता है, जिसे मेलाटोनिन कहते हैं। यह तभी ठीक से बनता है जब रात को अंधेरा हो और शांति हो। अगर कोई बहुत स्ट्रेस में रहता है तो शरीर में कोर्टिसोल नाम का हार्मोन ज्यादा बनने लगता है। यह स्ट्रेस का हार्मोन है और अगर ये ज्यादा बन गया तो दिमाग को आराम नहीं मिलता — इसलिए नींद आने में दिक्कत होती है।

अगर किसी को नींद ना आने की बीमारी हो गई है तो सबसे पहले कोशिश करनी चाहिए कि चिंता कम हो। रात को सोने से पहले फोन, टीवी और लैपटॉप से दूरी बनानी चाहिए। चाय-कॉफी कम पीनी चाहिए। सोने से पहले हल्का खाना खाना चाहिए।

अगर फिर भी नींद ना आए तो डॉक्टर से सलाह लेकर कुछ सप्लीमेंट्स या हर्बल दवाएं ली जा सकती हैं, जैसे वैलेरियन नाम की एक बूटी मदद करती है — पर इसे भी बिना डॉक्टर की सलाह के नहीं लेना चाहिए।

कुछ लोग नींद की गोलियां भी लेते हैं, लेकिन ये लंबे समय तक नहीं लेनी चाहिए क्योंकि इसके साइड इफेक्ट होते हैं।

कई बार मन को शांत रखने के लिए थेरेपी भी की जाती है। इसे बिहेवियर थैरेपी या कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी कहते हैं। इसमें इंसान को सिखाया जाता है कि कैसे सोने से पहले मन के बुरे या उलझे हुए ख्यालों को दूर करना है ताकि दिमाग शांत हो जाए और गहरी नींद आए।

इसलिए अगर नींद की समस्या ज्यादा दिनों तक रहे तो लापरवाही ना करें — सही दिनचर्या और डॉक्टर की सलाह से इसे ठीक किया जा सकता है। 

-डॉ. राव पी सिंह
     

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