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स्वास्थ्य सुधारने के आसान उपाय | Healthy Lifestyle Tips

  स्वास्थ्य सुधार हेतु आवश्यक निर्देश | NECESSARY INSTRUCTIONS FOR HEALTH IMPROVEMENT - www.saralvichar.in

तबियत के बिगड़ने पर डॉक्टर के पास जाने से पूर्व किस कारण तबियत खराब हुई है, उस पर विचार करें।

हर प्रकार के व्यसनों/आदतों से अपने आप को दूर रखें। चाय, काफी, बीड़ी, सिगरेट, पान जर्दा, मसाला सभी भूख को मारते हैं।

कब्ज को दूर करें। रोज पेट साफ आना चाहिए। उषा पान करें। ४-५ गिलास पानी पीएं। सुबह उठते ही १ गिलास या जितना आप पी सकते हैं पानी पीकर पैर के पंजों के बल ठुड्डी को प्रेशर देकर ४-५ चक्कर लगाएं । पूरे दिन में १२ से १६ ग्लास पानी पीना चाहिए।

तली, तीखी, मीठी एवं गरिष्ठ चीजों का सेवन कम करें। हरी सब्जियां, फल - सलाद, देसीघी, दूध, दही का ज्यादा उपयोग करें। देसी घी को सब्जी में डालकर खाएं कभी छौंक में या गरम न करें। मल, मूत्र, छींक अन्य कुदरती आवेगों को रोकना नहीं चाहिए। इन्हें रोकने से पेट और मूत्राशय के रोग बढ़ते हैं। माहवारी न आने के लिए गोलियां न लें। गुदा मार्ग व नाभि, नाक में सरसों का तेल लगाएं।

सुबह रोज ३०-४० मिनट की सैर मौन रहकर करें। व भोजन ठीक समय पर चबाकर करें। शौच आए या न आए दोनों टाईम जाएं तो पेट को आदत पड़ जाएगी।

शौच क्रिया के बाद दातून या ब्रश करें। मुंह में पानी भरकर आंखों को छींटे मारें। भोजन के बाद मूत्र विसर्जन करना न भूलें, इससे पथरी नहीं होगी। खाने के बाद थोड़ा आराम जरुर करें परंतु सोएं कदापि नहीं। अगर मधुमेह (शुगर) है आपको तो सुबह ८ बजे से पहले खाना खा लें। सारा दिन कुछ न खाएं। रात को दुबारा भोजन खाएं। शुगर लेवल नहीं बढ़ेगा। किंतु मीठा खाना बंद न करें। भोजन में पहले मीठे से शुरुवात करें। भोजन के अंत में कभी भी मीठा न खाएं। दिन में सोना व दिन में भोजन बंद कर दें। हां पानी जरुर घूंट- घूंट कर पीएं।

हम देखते हैं कि डायबिटिज वालों को डॉक्टर मीठा न खाने की सलाह देते हैं । थोड़ा-थोड़ा खाने की सलाह देते हैं। ऐसा बिल्कुल न करें। सुबह ८ बजे से पहले खाना खा लें । मीठा भी जरुर खाएं किंतु भोजन से पहले खाएं। भोजन को खत्म चरपरे याने तीखे से करें। लोगों की आदत होती है कि अंत में मीठा खाते हैं ऐसा बिल्कुल न करें। सारा दिन पानी पीएं व दिन में न सोएं, न भोजन करें। आजकल डॉक्टर कहते हैं कि दिन में ५ बार खाओ थोड़ा-थोड़ा। यह बिल्कुल गलत है, लोग सारा दिन थोड़ा-थोड़ा खाते रहते हैं, शुगर लेवल बढ़ता रहता है। दिन में दो बार भोजन खाएं। सुबह ८ बजे से पहले और रात को करीब ७-८ बजे । मीठा बिल्कुल छोड़ देने से उनके शरीर में एनर्जी नहीं रहती । आप चाहें तो इस दिनचर्या को अपनाकर देखें । डायबिटिज जिसे होती है वह कई प्रकार से अपने शरीर को बैलेंस करने की कोशिश करता है। ऊपर दी गई दिनचर्या को आजमाकर देखने में उन्हें हर्ज नहीं होगा।

मलत्याग व मूत्रयाग करते समय दांतों को भींचकर रखें। दांत स्वस्थ रहेंगे। रोग बाहर से नहीं आता । शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने से रोग आता है। याद रखें जो जीभ के लिए अच्छा है वह पेट के लिए अच्छा नहीं।

सिल्वर के बर्तनों में खाना पकाना, चाय, दूध बनाना बंद किजिए।
इससे कैंसर होता है। भोजन के बीच में थोड़ा पानी घूंट-घूंटकर पीएं।

अंत में पानी पीना जहर का काम करता है। कभी-कभी थोड़ा सा अचार खा लिया करें भोजन के बीच में। गैस नहीं बनेगी । आटा आधा घंटा गूंथकर रखें, बाद में काम में लाएं । उसमें जौ, चना डालेंगे (५ किग्रा गेहूं में १ किग्रा चना और 
१ किग्रा जौ डालें।)


वैद्य सत्यप्रकाश आर्य


SARAL VICHAR

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