भगवान ने सुख-दुःख नहीं बनाए हैं। सुख दुःख मन की कल्पना है।
ढाई सुख- एक है तंदुरुस्ती, दूसरा गहरी नींद, बाकी आधे में मायावी पदार्थ।
दूसरे के दुःख में दुःखी नहीं होना, पर उसके दुःख को अपना समझकर उसको निवृत करना है।
तुम्हारा ख्याल ही तुम्हें दुःखी न करे तो भगवान को भी ताकत नहीं कि तुम्हे दुःखी कर सके।
हर हालत में सब ठीक है करना सीखो, तो हम सुखी होंगे।
सफर का मजा लेना हो तो साथ में सामान कम रखिए
"सफर का मजा लेना हो तो साथ में सामान कम रखिए
और
जिंदगी का मजा लेना हैं तो दिल में अरमान कम रखिए !!
तज़ुर्बा है मेरा.... मिट्टी की पकड़ मजबूत होती है,
संगमरमर पर तो हमने ..... पाँव फिसलते देखे हैं...!
जिंदगी को इतना serious लेने की जरूरत नही यारों,
यहाँ से जिंदा बचकर कोई नही जायेगा!
जिनके पास सिर्फ सिक्के थे वो मज़े से भीगते रहे बारिश में ....
जिनके जेब में नोट थे वो छत तलाशते रह गए...
जीत किसके लिए, ‘हार’ किसके लिए
‘ज़िंदगी भर’ ये ‘तकरार’ किसके लिए…
जो भी ‘आया’ है वो ‘जायेगा’ एक दिन
फिर ये इतना “अहंकार” किसके लिए…
जो आने वाला है उसका भय न पालो। यही शांति है।
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