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मुहांसे होने पर क्या करें | Teenagers Acne Treatment Tips

मुहांसे होने पर.....|   WHAT TO DO IF YOU HAVE ACNE - www.saralvichar.in

स्किन का पीएच लेवल सामान्य रखने के लिए आलू, चावल ज्यादा नहीं खाए मुंहासे होने पर दूध, एग और व्हे प्रोटीन नहीं लें


टीनएजर्स मुहांसे दूर करने के लिए अलग-अलग तरह के नुस्खे अपनाते रहते हैं विज्ञापनों को देखकर नई-नई क्रीम इस्तेमाल करते हैं। ताकि मुहांसे हमेशा के लिए खत्म जाएं। उनका चेहरा बिल्कुल साफ रहे। हजारों रुपए खर्च करने के बावजूद भी उन्हें रिलीफ नहीं मिल पाने की वजह से वे डिप्रेशन से ग्रसित हो जाते हैं। वास्तविकता में, मुहांसे का संबंध हॉमोनल बदलाव और ऑयल ग्लैंड से होता है। इन ग्लैंड के एक्टिव होने से ऑयल सीकेशन की वजह से पोर्स ब्लॉक होते हैं। इससे सैल्स पर इंफ्लेमेशन आने के कारण इंफेक्शन और पस पड़ने से परेशानी हो सकती है। तनाव भी इसका बड़ा रिस्क फैक्टर बन रहा है। एक्सरसाइज नहीं करना एक्ने बढ़ाने का बड़ा कारण है। हाइग्लैसेमिक फूड लेने यानी ऐसी चीजें, जिन्हें खाने से शुगर का लेवल बढ़ता है। आलू, चावल, मीठा व चॉकलेट भी एक्ने बढ़ा देती हैं। क्योंकि इनसे स्किन का पीएच लेवल बढ़ता है वो मुहांसे पैदा करता है। इस परेशानी
को काफी हद तक डाइट से कंट्रोल किया जा सकता है। इसके लिए टीनएजर्स को एंटी-एक्ने डाइट पर ध्यान देना चाहिए। गाय और भैंस के दूध से प्रेग्नीस्टनी डायोन और एंडरीस्टनी डायोन हार्मोन रिलीज होता है। इन दोनों हार्मोन की बनावट पुरुषों में पाए जाने वाले टेस्टोस्टोरोन हॉर्मोन की तरह होता है। दूध लेने से ये हॉर्मोन हमारे शरीर में जाकर एक्ने पैदा करते हैं।


एंटी-इंफ्लेमेंटरी डाइट से कम होंगे
ऑयल ग्लैंड का सीक्रेशन बढ़ने के कारण इन्फेक्शन होता है। इससे बचाव के लिए ओमेगा 3 फैटी एसिड वाली डाइट लेनी चाहिए। इसमें चीया सीड्स, अलसी और सनफ्लावर सीड्स लें। इनकी कॉकटेल डाइट लें। अखरोट लेना सबसे बेहतर होता है। एक्ने में पस पड़ने और इन्फ्लेमेशन ज्यादा होने पर यह डाइट दी जाती है।
एसिडिक डाइट
स्किन का पीएच लेवल बदलने पर एसिडिक डाइट लेने की सलाह दी जाती है। इनमें संतरा, नींबू, टमाटर जैसी खट्टी चीजें लेने की सलाह दी जाती है।
क्योंकि इन्हें लेने से पीएच का लेवल घटता है। इससे बैक्टीरियल लेवल कम होने से इन्फेक्शन होने के चांस नहीं रहते हैं।

सोया प्रोटीन लें
एग और व्हे प्रोटीन लेना इन लोगों के लिए नुकसानदायक होता है। इन्हें लेने से इंसुलिन ग्रोथ फैक्टर स्टीमुलेट होने से एक्ने बनते हैं। ऐसे में, लोगों को सोया प्रोटीन, दाल, नट्स आदि पर शिफ्ट करते हैं। कुछ केसों में एंटी-प्रोटीन या लो प्रोटीन डाइट की सलाह दी जाती है। या फिर प्रोटीन के दूसरे ऑप्शन पर शिफ्ट किया जाता है।

डॉ. पुनीत भार्गव, डर्मेटोलॉजिस्ट

 

SARAL VICHAR

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