वास्तु
वास्तु हमारे जीवन में बहुत जरुरी है अगर वास्तु के अनुसार घर
नहीं होता तो घर में, जीवन में कई तरह की परेशानियां आती हैं जाहिर है जहां
अग्नि तत्व होगा हम वहां पानी रखेंगे तो दोनों तत्व अपना काम ठीक से नहीं
कर पाएंगे। इसलिए वास्तु अनुसार घर बनाएंगे तो आपकी परेशानियां काफी कम हो
जाएंगी।
• अगर आप नया फ्लैट ले रहे हो तो एक काम कीजिए । जो छोटा
बच्चा होता है। जो मां का दूध पीता है उसे अपने फ्लैट पर ले जाईए। अगर
घुसते ही वह रोने लग जाए तो समझिए कि आपके फ्लैट का वास्तु खराब है। इसमें
वास्तु दोष है।
• जिस घर में परेशानी रहती है। उदास रहते हैं। मतभेद
से मनभेद हो जाए। उस घर को CLEAN कीजिए । जैसे कोई ताला-चाबी बंद पड़ा हो।
पेन-पेंसिल खराब पड़ें हों। केलकुलेटर, मिक्सर, गीज़र खराब पड़े हों। नल
टपक रहे हों। उसे ठीक करवाएं। दरवाजों को खोलते- बंद करते हुए उनसे आवाज
नहीं आनी चाहिए। स्वीच - होल्डर ठीक हो। ये सभी लक्षण वास्तु बिगाड़ते हैं। घर से एक्स्ट्रा सामान को साफ करते रहे।
• बहन-बेटी की शादी में उपहार स्वरुप कैंची, नेलकटर, दियासलाई, न दें। ऐसी चीजें न दें जो चुभती हैं। गैस-चूल्हा न दें।
• कभी आपने देखा है कि लोग मेडिकल से दवाईयां ऐसे खरीदते हैं जैसे कोई
रोजमर्रा की चीज लोग खरीदते हैं। उन लोगों को दवाई हमेशा लेनी पड़ती है
मेडिकल से। उन लोगों के घर में आप देखें तो पता चलेगा कि वे किचन में ही
दवाई रखते हैं। ऐसा बिल्कुल भी न करें। किचन में हम हमेशा काम में आने वाली
चीजें रखते हैं। अगर वहां दवाई रखेंगे तो दवाई की भी जरुरत रोज-रोज पड़ने
लगेगी। किचन में दवाई बिल्कुल न रखें। दवाईयां ईशान कोण (पूर्व-उत्तर कोने)
में किसी अलमारी- -ड्रावर में दवाई छिपाकर रखें। सामने नहीं दिखनी चाहिए।
• आपका
बेटा १८ से ऊपर हो। जिसका किसी न किसी रूप में छोटा-मोटा एक्सीडेंट होता
रहता हो। टांके वगैरह लगते रहते हों। उस बेटे से Blood Donate करने को कहिए।
देखिए जल्दी से फर्क पड़ जाएगा।
• घर में किसी के पांव में
चोट लगी है। छः से बारह महीने हो गए वह ठीक नहीं हो रही। तो चेक किजिए, कि
कहीं आपके घर में कोई खंडित मूर्ति तो नहीं जिस ओर आपका ध्यान नहीं गया।
मूर्ति भी वहीं से खंडित होगी जहां आपको चोट लगी है। मूर्ति को नदी में
,बीच पानी में माफी मांगकर प्रवाहित किजिए। किनारे पर नहीं, जहां पानी कम
हो। कोई भी मूर्ति को प्रवाहित करते समय यह ध्यान रखें कि वह पानी में
(जहां पानी ज्यादा हो।) वहां प्रवाहित करें। फिर उसके पीछे कच्चा दूध छोड़
दें।
SARAL VICHAR
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