एक औरत को कैंसर हुआ । उसे डॉक्टर ने कहा
कि तुम ६ महीने से अधिक जीवित नहीं रह सकती। पर वह ६ साल जिंदा थी। फिर
उसने बताया कि कैंसर से मुझे बहुत फायदा हुआ। पहले मैं समझती थी कि मैं
बहुत कमजोर हूं। किंतु chemotherapy हुई । (जिसमें शरीर को शॉक देते हैं)
वह सब भी मैं सहन कर गई।
पहले दिनों को मैं West करती थी, अब दिनों को West नहीं use करती हूं। (हर परिस्थिति में फायदा ढूंढो)
लोकमान्य
बालगंगाधर तिलक को ६ साल की सजा हुई। जब वे आजादी की लड़ाई लड़ रहे थे।
उन्होंने पहला पत्र लिखा घर में । उसमें लिखा कि मैं सारा दिन ध्यान करता हूं । इन ६ सालों में उन्होंने हिंदू धर्म के पावन ग्रंथ गीता का विवेचन लिखा । भयावह स्थिति में भी उन्होने सकारात्मक बात (positive) ढूंढ लिया ।
एक
एक्सीडेंट में एक युवक का बायां हाथ कट गया । गुरु के पास गया, मल्ल युद्ध
(कुश्ती) सीखने । गुरु ने उसे सिर्फ एक ही दांव-पेंच सिखाया । वह पूरा
महीना एक ही दांव-पेंच सीखता रहा । उसमे वह बहुत कुशल भी हो गया । किंतु
उसे तो गुरु पर ही शक होने लगा कि गुरु शायद मुझसे भेद-भाव कर रहे हैं।
दूसरों को तो सभी दांव-पेंच सिखाते हैं और मुझे तो एक ही दांव सिखाया है।
पास
के गांव में प्रतियोगिता हुई। गुरु ने उस युवक को वहां पर कुश्ती लड़ने के
लिए भेजा। वह तो पहले ही परेशान था कि मुझे ज्यादा तो कुछ आता नहीं, फिर
भी गुरु ने कहा कि मुझपर विश्वास रख और जा। वह लड़का जीतकर आ गया।
कुश्ती
में जब किसी की गर्दन पकड़ते हैं तो उसे छुड़ाने के लिए सामने वाले का
बायां हाथ पकड़ते हैं, किंतु इस लड़के को तो बांयां हाथ तो था ही नहीं।
सामने वाला इसका हाथ ही ढूंढते रहते और पकड़ नहीं पाने के कारण खुद को
छुड़ा नहीं पाते और हार जाते । इसी तरह वह सभी को हराता गया और जीत गया। उस
युवक की सबसे बड़ी कमजोरी ही उसकी सबसे बड़ी शक्ति बन गई।
-डॉक्टर गिरीश पटेल
SARAL VICHAR
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