हमीदन बी हमारे मोहल्ले की चलती-फिरती बातों की पिटारी थी। सांवला गठा हुआ शरीर ठिगना कद, मामूली नाक-न…
Read more »साहब... कोरियर है । नौकर ने हाथ में एक छोटा सा पैकेट लाकर दिया, एक फॉर्म भी दिया, जिस पर मैंने साइन…
Read more »माँ तू क्यों इतना खटती है माँ तू क्यों इतना खटती है, जग सोता तू क्यों जगती है, क्यों आँसू हमस…
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