पृथ्वी पर कई जीव मनुष्य से अधिक शक्तिशाली हैं। गाय-बैल, शेर, हाथी सभी मनुष्य से अधिक बलवान हैं। किंतु राज तो मनुष्यों ने किया है पृथ्वी पर, बुद्धि से। यदि अपनी तुम लक्ष्य को पूरी एकाग्रता से पाना चाहते हो तो आत्मिक बल वो-वो कर दिखाता है कि साधारण लोगों को यह असंभव लगता है।
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एक महान योद्धा की यह पहचान होती है कि ज्योंही वह युद्ध में जीते, विजय उत्सवों में अपना समय गंवाए बिना अगले लक्ष्य को प्राप्त करने की योजनाओं में लग जाए।
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व्यक्ति को जब आगे बढ़ना होता है तो सबसे पहले वह अपने लक्ष्य पर नजर रखता है। जब वह व्यक्ति राह पर निकल पड़ता है तो मार्ग उसे सिखाता है, संवारता है, बनाता है। यही अनुभव उसकी पूंजी होती है।
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मार्ग पर चलकर लक्ष्य तक पहुंचा जाता है, और मिलने वाली वस्तु मात्र सांकेतिक उपलब्धि होती है। वास्तविक उपलब्धि तो उसे मार्ग में मिलने वाली सीख होती है।
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रास्ते की अड़चनों को सुलझाते-सुलझाते वह व्यक्ति जब मंजिल पर पहुंचता है तो पहले से भी बड़ा और ऊंचा हो जाता है। इसलिए यात्रा जितनी दुर्गम और कठिन होगी, व्यक्ति का व्यक्तित्व और निखरता है।
SARAL VICHAR
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Topics of Interest
Success tips, Target focus, Self discipline, Life journey lessons, Inner strength, Goal achievement, Positive thinking, Personality growth, Spiritual power, Hard work motivation, Life challenges, Self improvement

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