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खुद को कैसे रखें पॉजिटिव और हैप्पी | Depression aur Stress Management

  डिप्रेशन (तनाव) |  DEPRESSION  - www.saralvichar.in

आजकल डिप्रेशन (तनाव) लोगों में ज्यादा हो गया है। पुरुषों के मुकाबले महिलाएं अवसाद की शिकार होती हैं।

आखिर अवसाद के कारण क्या हैं। यदि गौर करें तो हम पाएंगे कि कई बार अपनी इस स्थिति के लिए हम खुद जिम्मेदार होते हैं। ऐसे बहुत से लोग हैं जो अपनी नौकरी या व्यवसाय से संतुष्ट नहीं हैं। जो सामाजिक संबंधों को महत्व नहीं देते । जिनके मित्र नहीं हैं। कोई शौक या रुचियां नहीं है। वे अपना ज्यादातर समय घर में अकेले बैठकर गुजार देते हैं क्योंकि उन्हें कहीं जाना पसंद नहीं होता या फिर कुछ करने का मन नहीं होता। ऐसी स्थिति में जब आप अपनी नौकरी, सामाजिक जीवन, घर, मित्र, यहां तक कि अपने आप के प्रति उदासिन हों, तो अवसाद होना स्वाभाविक है।

कभी-कभी सामान्य चल रहे आपके जीवन में अचानक ऐसा परिवर्तन आता है जिसके लिए आप मानसिक रूप से तैयार नहीं होते और डिप्रेशन का शिकार जाते हैं।

जैसे एक युवती शादी से पहले नौकरीपेशा हो, जिसने अपना एक आलीशान मकान हासिल करने के सपने देखें हों। उसे शादी के बाद नौकरी छोड़ने के लिए बाध्य किया जाए या फिर रिटायर होने के बाद जीवन में अचानक खालीपन आ जाए अथवा माता-पिता की इकलौती संतान नौकरी के लिए बहुत दूर चली जाए आदि । जीवन में इस तरह का अप्रत्याशित नकारात्मक बदलाव आने पर व्यक्ति टूट जाता है। उसे लगता है उसका जीवन अर्थहीन हो गया है। यही भावना जन्म देती है डिप्रेशन को। कई बार किसी विपरित परिस्थिति को और बिगड़ने से बचाने के लिए हम ऐसे निर्णय ले लेते हैं जिनसे कम से कम नुकसान हो । बहुत से विफल दाम्पत्य संबंधों का आधार ऐसी ही स्थिति होती है। जब पति-पत्नि के बीच दूरियां बढ़ने लगती हैं तो बहुत से द॔पत्ति अपने संबंधों को सुधारने का प्रयास करने के बजाए उसे वैसे ही स्वीकार कर लेते हैं। वे अपने संबंधों में किसी भी प्रकार का परिवर्तन लाने से कतराते हैं और निष्क्रिय लक्ष्यहीन जीवन जीते रहते हैं । 

परिस्थितियां कैसी भी हों, अपने जीवन में निरंतर उत्साह व आनंद का संचार करने के लिए आपको ऐसे साधन स्वयं तलाशने होंगे जो आपको अपने बारे में, आस पास के वातावरण व आपके भविष्य के बारे में एक सकारात्मक नजरिया प्रदान करे । 

 अपने आपको ऐसे कार्यों में व्यस्त रखें जो आपको आनंद व संतुष्टि दे। ऐसे लोगों से संबंध बढ़ाएं जिनकी जीवन शैली आपको आशावादी जीवन जीने के लिए प्रेरित करे। अक्सर डिप्रेशन की स्थिति में हमारी सोचने समझने की शक्ति भी कमजोर हो जाती है और हम सोच लेते हैं कि हमारी समस्याओं का कोई हल नहीं है किंतु आप अपने वातावरण में थोड़ा परिवर्तन लाकर देखिए आपकी सोच में स्वतः ही परिवर्तन आने लगेगा।

 

SARAL VICHAR

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