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कैंसर से बचाव और गोमूत्र, हल्दी इलाज | Cancer Care & Natural Remedies

 

कैंसर का इलाज  |   CANCER TREATMENT  - www.saralvichar.in

कैंसर में जो एलोपथी इलाज होता है वह कीमोथैरेपी और रेडियोथैरेपी कहलाता है। इस इलाज में मरीज के शरीर में कैंसर के किटाणुओं के साथ-साथ जीवन की शक्ति को बढ़ाने वाले किटाणु भी मर जाते हैं, जो शरीर की रक्षा करते हैं। जिससे मरीज के सारे बाल उड़ जाते हैं । कमजोरी आ जाती है। चेहरा डरावना लगने लगता है।

कीमोथैरेपी से मरीज को इतना कष्ट होता है कि हम उसकी कल्पना भी नहीं कर सकते । मरीज को इंजेक्शन और गोलियां भी दी जाती हैं।

मैं तो यही कहूंगा कि आप लोग मरीज को इतना कष्ट क्यों देते हो? क्या सिर्फ इसलिए कि शायद आपके पास बहुत पैसा है ? या आपको यह ख्याल है कि मैं तो ट्रीटमेंट करके ही मानूंगा।

आप अपने आस-पड़ोस की बातें ज्यादा मत सुनिए । क्योंकि वे इमोशनल भी करते हैं कि अरे यहां नहीं ले जा रहे या वहां नहीं ले जा रहे? बड़े कंजूस आदमी हो। बाप के लिए, मां के लिए इतना भी नहीं कर सकते ? ये बातें कहने वालों से दूर रहिए। हो सकता है कई बार ये लोग नासमझी में कहते हों। इनका इंटेन्शन खराब न होता हो किंतु उन्हें नॉलेज कुछ भी नहीं है। वे बिना ज्ञान के सलाह देते रहेंगे कई बार अच्छा पढ़ा-लिखा आदमी भी उसमें फंसता है।

हां आप मरीज को भी अधिकतर गंवा देते हो और पैसा भी जाता है।

यहां एक इलाज बता रहा हूं । तीन चीजें चाहिए। हल्दी, गौमूत्र, पुनर्नवा । हल्दी जो हमारे घर में रहती है। हल्दी और गाय को मूत्र, ( गाय देसी और काली हो। गर्भवती न हो। याने बछड़ी गाय हो तो ज्यादा अच्छा।) गाय के मूत्र आधा कप और आधा चम्मच हल्दी को धीमी आंच पर उबाल आने तक गर्म करें। पुनर्नवा भी मिला दें। फिर ठंडा करके चाय की तरह चुस्कियां लेकर मरीज को पीने को कहें । गाय का मूत्र ज्यादा हो तो हल्दी और पुर्ननवा की भी मात्रा बढ़ा दे। आप एक समय में आधा कप से ज्यादा यह दवाई न लें। बाकी बची हुई दवाई को कांच की बोतल में रख दें।

इस गोमूत्र वाली दवाई को फ्रिज में न रखें। दूसरी और तीसरी स्टेज वालों तक को यह नुस्खा काम आता है। किंतु जिन्हें कीमोथैरेपी की गई हो उसे यह नुस्खा, यह इलाज काम नहीं करेगा ।
कैंसर कभी भी न हो इसके लिए डालडा, रिफाईंड तेल न लें। छिलके वाली दालें खाएं । तंबाखू, सिगरेट, बीड़ी न पीएं। कैंसर से बचाव ही इसका उपाय है।

माताओं को आजकल अधिक कैंसर हो रहा है। अगर उनको पता चले कि शरीर में कहीं गांठ बन रही है तो सावधान हो जाएं।

वैसे तो हर गांठ कैंसर की गांठ नहीं होती। किंतु सावधानी जरुरी है। माताएं खाने का चूना गेहूं के दाने की मात्रा जितना दही, गर्म पानी,  दाल में, लस्सी में मिलाकर खाएं। गांठ भी चली जाएगी और शरीर में ताकत भी आएगी

-राजीव दीक्षित पतंजलि

 

SARAL VICHAR 

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Cancer, Chemotherapy, Radiotherapy, Natural Remedy, Gomutra, Haldi, Punarnava, Rajeev Dixit, Health Tips, Cancer Prevention, Immunity, Herbal Treatment

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