Ticker

7/recent/ticker-posts

आलस्य से मुक्ति | Hardworking vs Lazy Story


मन और मेहनत  |   DON'T LISTEN TO THE MIND - www.saralvichar.in

एक सेठ बहुत ही अमीर था । उसके दो बेटे थे। जब उसके मरने का वक्त आया उससे पहले ही उसने अपनी जायदाद के दो हिस्से करके बेटों को दे दिए। सेठजी की जब मृत्यु हुई तो वे बेटों को बोलकर गए कि बेटा ठंड-ठंड में ही दुकान जाना और आना । भोजन हमेशा मीठा करके खाना।

उसका एक बेटा था उसने अपने घर से लेकर दुकान तक शमियाना (जो शादियों में मंडप होता है।) बनवा लिया और रोज पकवान बनवाकर खाता कि पिता ने ऐसा कहा है।

दूसरा बेटा सुबह सूरज उगने से पहले ही दुकान चला जाता और शाम को सूरज ढलने के बाद ही घर आता। जब वह सारा दिन मेहनत करता तो शाम को उसे भूख भी जोरों की लगती। उसे कोई भी खाना मीठा लगता याने हर भोजन में उसे स्वाद आता । इतनी मेहनत करने से उसकी तरक्की होती गई और दूसरा भाई आलसी और मोटा होता गया।

मोरल- हमारा मन वही बात करता है जो हम चाहते हैं फिर कहते हैं कि मुझे तो फलां व्यक्ति ने कहा इसलिए ऐसा हुआ। हम इतने बेवकूफ नहीं होते। फिर भी आलस के कारण इल्जाम दूसरों पर थोप देते हैं कि मेरे पास पैसा नहीं था या मेरा परिवार या मेरे हालात ठीक नहीं थे इसलिए मैं आगे नहीं बढ़ पाया । बस इस मन को तो कोई बहाना चाहिए। शरीर भले मोटा हो, इस मन को मोटा मत होने दो|


डूबता है तो पानी को दोष देता है,
गिरता है तो पत्थर को दोष देता है,

इन्सान भी बड़ा अजीब प्राणी है,
कुछ कर नहीं पाता तो,
किस्मत को दोष देता है।।

 

SARAL VICHAR

-----------------------------------------------

Topics of Interest

alas se mukti tips, hardworking vs lazy story hindi, success mindset hindi, motivation story hindi, success tips in hindi, mind ko strong kaise kare, self discipline hindi tips, life success mantra, positive thinking hindi, excuses ko kaise chhode, kismat ya mehnat story, success life tips hindi

एक टिप्पणी भेजें (POST COMMENT)

0 टिप्पणियाँ