हर खुशी है लोंगों के दामन में, पर एक हंसी के लिए
वक्त नहीं।
दिन रात दौड़ती दुनिया में, जिंदगी के लिए ही
वक्त नहीं।
मां की लोरी का एहसास तो है, पर मां को मां कहने का
वक्त नहीं।
सारे रिश्तों को तो हम मार चुके, अब उन्हें दफनाने का
वक्त नहीं।
सारे नाम मोबाईल में हैं, पर दोस्ती के लिए
वक्त नहीं।
गैरों की क्या बात करें, जब अपनों के लिए ही
वक्त नहीं।
आंखों में है नींद बड़ी, पर सोने का भी
वक्त नहीं।
दिल है गमों से भरा हुआ, पर रोने का भी
वक्त नहीं।
पैसों की दौड़ में ऐसे दौड़े कि थकने का भी
वक्त नहीं।
पराए एहसास की क्या कद्र करें, जब अपने सपनो के लिए ही
वक्त नहीं।
तू ही बता ऐ जिंदगी, इस जिंदगी का क्या होगा... कि हर पल मरनेवालों को जीने के लिए भी
वक्त नहीं।
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अनमोल वचन
कल एक इंसान रोटी मांग कर ले गया और करोड़ों की दुआएं दे गया।
पता ही नहीं चला कि गरीब वह था या मैं.....।
दोस्तों, दीदार की तलब हो तो नजरें जमाए रखना, क्योंकि नकाब हो या नसीब, सरकता जरुर है।
गठरी बांध बैठा है अनाड़ी, साथ जो ले जाना था वह कमाया ही नहीं।
संतान, कुटुंब-कबीला और उसके द्वारा एकत्रित किया हुआ धन, इन सब से परमात्मा को प्राप्त करना संभव नहीं है। यह सब मनुष्य को संसार में बांधने का कार्य करते हैं । धन कमाने के लिए मन में उठता हुआ लालच परमात्मा के मार्ग में बंधन है।
जो कंठ से बोला जाता है वह कानों पर जाकर खत्म हो जाता है और जो अनुभव से बोला जाता है वह भव-भव तक साथ चलता है।
मौत को तो मैंने कभी देखा नहीं
पर यकीनन बहुत खूबसूरत होगी
क्योंकि जो भी मिलता है उससे
जीना छोड़ देता है।
SARAL VICHAR
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