मनुष्य का हृदय कभी भी भरा नहीं जा सकता धन से, पद से, ज्ञान से, किसी से भी भरो वह खाली ही रहेगा। क्योंकि इन चीजों से भरने के लिए वह बना ही नहीं है। मनुष्य जितना पाता है उतना ही दरिद्र होता जाता है। ह्रदय की इच्छाएं कुछ भी पाकर शांत नहीं होती क्यों? क्योंकि ह्रदय तो परमात्मा को पाने के लिए बना है।
अच्छे रिश्तों को वादे और शर्तों की जरूरत नहीं होती बस दो खूबसूरत लोग चाहिए। एक निभा सके और दूसरा उसको समझ सके।
अच्छे से अच्छा और बुरे से बुरा जाना मुझको.... जिसकी जैसी सोच थी उसने उतना ही पहचाना मुझको
जिस तरह इस stamp पर लिखे उल्टे अक्षर पेपर पर लगाने पर सीधे हो जाते हैं उसी तरह सतगुरु का सत्संग सुनने से तकदीर की उल्टी लकीरे सीधी हो जाती हैं।
संपत्ति हो तो उसकी will बनती है,
और संस्कार हो तो उसकी goodwill बनती है।
झुकने से रिश्ता गहरा हो तो झुक जाओ पर हर बार आपको ही झुकना पड़े तो रुक जाओ।
इन जमीनों इन दौलतों से क्या पाओगे।
तस्वीर बन कर एक दिन दीवार पर लटक जाओगे। अभी वक्त है नाम की कमाई की असली दौलत इकट्ठा कर लो।
वरना मिट्टी तो तुम हो ही.. मिट्टी में ही बदल जाओगे।
चलो जिंदगी को जिंदादिली से जीने के लिए एक छोटा सा 'उसूल' बनाते हैं।
रोज कुछ "अच्छा" याद रखते हैं और कुछ "बुरा" भूल जाते हैं।
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ईश्वर तो दिखाई नहीं देते विश्वास कैसे करूं?
सुंदर जवाब मिला श्रद्धा वाईफाई की तरह होती है। दिखती तो नहीं है पर सही पासवर्ड डालो तो कनेक्ट हो जाते हैं।
सबसे सुंदर नाता दो नैनों का होता है..
एक साथ खुलते बंद होते हैं ।
एक साथ रोते हैं और एक साथ ही सोते हैं ।
वह भी जीवनभर एक दूसरे को देखे बगैर...!!
जोकर से पूछा गया सवाल- चेहरे पर मास्क क्यों लगाते हो?
क्या खूब जवाब था उसका- लगाते तो सब हैं... बस मेरा नजर आता है।
नंगे पाँव चलते “इन्सान” को लगता है
कि “चप्पल होती तो कितना अच्छा होता”
बाद मेँ……….
“साइकिल होती तो कितना अच्छा होता”
उसके बाद में………
मोटर साइकिल होती तो बातों-बातों में
रास्ता कट जाता।
फिर ऐसा लगा कि………
कार होती तो धूप नही लगती
फिर लगा कि,
हवाई जहाज होता तो इस ट्रैफिक का झंझट
नहीं होता।
जब हवाई जहाज में बैठकर नीचे हरे-भरे घास के मैदान
देखता है तो सोचता है,
कि नंगे पाव घास में चलता तो दिल
को कितनी तसल्ली मिलती।
तो...जरूरत के मुताबिक जिंदगी जिओ
ख्वाहिश के मुताबिक नहीं।
क्योंकि जरूरत तो फकीरों की भी पूरी हो जाती है, और
‘ख्वाहिशें’ बादशाहों की भी अधूरी रह जाती हैं।
SARAL VICHAR
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